तुम न हो आसपास तो अधूरा सा लगता है
दिल पर एक पत्थर सा हो ऐसा लगता है
कैसे करू बयान किस तरह तुम छाये हो
ज़िन्दगी से निकल गयी हो जान वैसा लगता है
खुदा ने खुद को उतारा है ज़मीं पर तेरी रूह बनकर
किस तरह मिलाया उसने मुजको मुझसे
एक पत्थर पर रहमे-नज़र करके
मूरत को दी हो जान वैसा लगता है
तुम न हो आसपास तो अधूरा सा लगता है
दिल पर एक पत्थर सा हो ऐसा लगता है
Wow!!! Very nice composition. Next step is to become shayar. Keep it up.
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Thank you 🙂 Its very difficult for me to convert emotions to words !! I am learning
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